सोंधी मिट्टी को महकाते बिखरे फूल

हैदराबाद के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. मोहन गुप्ता साहब के टेबल पर रखी एक किताब पर नज़र पड़ी तो पाया कि इसका मुखप्रष्ठ काफी आकर्षक है। हल्के गुलाबी रंग के गुड़हल के कुछ फूल और उसकी पंखुड़ियाँ पृष्ठ पर बिखरी हुई हैं। पुस्तक […]

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खुश्बू जैसे लोग..बीजापुर से उस्मानाबाद तक

एक यात्रावृत्तांत दिसंबर के अंतिम सप्ताह की एक सुबह  बात 2019-20 की है। आखिरकार बीजापुर हो ही आया था। दर असल लंबे अरसे से दिल और दिमाग़ के किसी कोने में अपने पूरे होने का इंतेज़ार कर रही ख़्वाहिश की आहट किसी […]

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चराग़ जल उठे

वो सेमीनार का तीसरा दिन था। तीन दिन कैसे गुज़र गये पता ही नहीं चला। उस शहर का यह पहला दौरा था, इसलिए सेमीनार के अलावा लोगों से मिलना और घूमना-फिरना भी होता रहा। दोनों दिन हर शाम साइड सीन में शहर […]

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दिल का रास्ता

‘तुम्हारी पिंडलियाँ बहुत खूबसूरत हैं।’ ‘क्या बकवास है।’ ‘क्यों क्या तुम्हें अपनी पिंडलियों की तारीफ सुनना पसंद नहीं।’ ‘अजीब आदमी हो। इतने साल से साथ हो, तुमने कभी मेरे चेहरे की तारीफ नहीं की और अब तुम्हें पिंडलियों की तारीफ सूझी है।’ […]

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