Tag: F M Saleem
अंबाजोगाई के यशवंतराव चव्हाण महाविद्यालय में कुछ यादगार पल
कभी-कभी कुछ यात्राएं यादगार बन जाती हैं। यह ज़रूरी नहीं है कि उस यात्रा का समय बहुत लंबा हो या फिर यात्री कई स्थानों से होकर गुज़रा हो। इतना भर काफी है कि वह यात्रा है और यात्री के अनुभवों का हिस्सा […]
दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है
स्नेह से भरपूर डॉ. रेखा शर्मा की यादों में बसे लोग…. अकसर लोग दुनिया के बारे में बेकार की चिंता करते रहते हैं कि यह पहले जैसी नहीं रही या फिर जैसी वो चाहते हैं, वैसी नहीं है, लेकिन यही क्या कम […]
सोंधी मिट्टी को महकाते बिखरे फूल
हैदराबाद के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. मोहन गुप्ता साहब के टेबल पर रखी एक किताब पर नज़र पड़ी तो पाया कि इसका मुखप्रष्ठ काफी आकर्षक है। हल्के गुलाबी रंग के गुड़हल के कुछ फूल और उसकी पंखुड़ियाँ पृष्ठ पर बिखरी हुई हैं। पुस्तक […]
खुश्बू जैसे लोग..बीजापुर से उस्मानाबाद तक
एक यात्रावृत्तांत दिसंबर के अंतिम सप्ताह की एक सुबह बात 2019-20 की है। आखिरकार बीजापुर हो ही आया था। दर असल लंबे अरसे से दिल और दिमाग़ के किसी कोने में अपने पूरे होने का इंतेज़ार कर रही ख़्वाहिश की आहट किसी […]
चराग़ जल उठे
वो सेमीनार का तीसरा दिन था। तीन दिन कैसे गुज़र गये पता ही नहीं चला। उस शहर का यह पहला दौरा था, इसलिए सेमीनार के अलावा लोगों से मिलना और घूमना-फिरना भी होता रहा। दोनों दिन हर शाम साइड सीन में शहर […]
दिल का रास्ता
‘तुम्हारी पिंडलियाँ बहुत खूबसूरत हैं।’ ‘क्या बकवास है।’ ‘क्यों क्या तुम्हें अपनी पिंडलियों की तारीफ सुनना पसंद नहीं।’ ‘अजीब आदमी हो। इतने साल से साथ हो, तुमने कभी मेरे चेहरे की तारीफ नहीं की और अब तुम्हें पिंडलियों की तारीफ सूझी है।’ […]
वफ़ा…बस थोड़ी सी
सुबह होने में अभी कुछ देर है। रात का आखिरी पहर है। पहाड़ी रास्ते पर एक जीप टेढ़े मेढ़े रास्तों से गुज़र रही है। दो प्राणी उसमें बड़े ही शांत बैठे हैं। आवाज़ या तो सड़क के किनारे झाड़ियों की सरसराहट की […]
प्रिय ज़ुबी, खुश रहो! अभी सुबह ही मुंबई से लौटा हूँ। मेल चेक किया तो देखा कि इनबॉक्स भरा हुआ है। 520 मेल देखने हैं। लेकिन इससे पहले सोचा कि कुछ बातें तुम से शेयर करूँ। उस रात गेटवे ऑफ इंडिया के […]